रूहानी इश्क़ 😘😭
क्यों हम तुम्हें चाहने लगे हैं इस क़दर
क्या ये नसीब का लेखा जोखा है?
तुम दूर हो नज़रों से, फिर भी क़रीब लगते हो
क्या ये हमारी नज़रों का महज़ धोखा है?
तुम्हें पाने के रास्ते तलाश्ती हूं
अक्सर तन्हा रातों में
तेरा ज़िक्र, तेरी नादानियां
गूंजती है हर लम्हा मेरी बातों...
क्या ये नसीब का लेखा जोखा है?
तुम दूर हो नज़रों से, फिर भी क़रीब लगते हो
क्या ये हमारी नज़रों का महज़ धोखा है?
तुम्हें पाने के रास्ते तलाश्ती हूं
अक्सर तन्हा रातों में
तेरा ज़िक्र, तेरी नादानियां
गूंजती है हर लम्हा मेरी बातों...