गुज़रा हुआ साल आ जाए..
फिर मैं गुज़रता वक़्त भी रोक लूँगी
अगर वो सामने बस इक बार आ जाए
इस बार भी नज़रें झुका कर मिलना उससे
प्रति.! उसके सामने न दिल का हाल आ जाए
और मंज़िलों की...
अगर वो सामने बस इक बार आ जाए
इस बार भी नज़रें झुका कर मिलना उससे
प्रति.! उसके सामने न दिल का हाल आ जाए
और मंज़िलों की...