मां❣️
मां....💌
मेरी कलम का रूककर झूकना,
तुझे बयां कैसे करू का एलान करती है।
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मेरे हर अंग को अपनी कोख में बनाकर मुझे एक जिंदगी दि है तुमने।
उस जिंदगी को अपनी कोख में सवारा है तुमने।
मेरे लड़खड़ाते...
मेरी कलम का रूककर झूकना,
तुझे बयां कैसे करू का एलान करती है।
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मेरे हर अंग को अपनी कोख में बनाकर मुझे एक जिंदगी दि है तुमने।
उस जिंदगी को अपनी कोख में सवारा है तुमने।
मेरे लड़खड़ाते...