...

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सोचते है,
जैसे मै सोचता हूँ
लोग नहीं सोचते है
जरूरी होता है वही
अक्सर नहीं सोचते है
शाखो पे आसियाना है
परिन्दे का
दरख़्त के तले
हम ही तलब सोचते है


© Satyam Dubey