...

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इश्क
इश्क क्यों कर बैठा
नादांं तबाह हो जाएगा
इश्क ने किसको संवारा
जो तू संवर जाएगा

रूसवाईयों दुशवारियो तनहाईयों
के सिवा कुछ हाथ न आयेगा
अभी आदमी है तू काम का
इश्क में निकम्मा हो जाएगा

ये है तलवार की धार
ना चल इसपे
नहीं तो बरबाद हो जाएगा
इश्क में कोई मंज़िल नहीं होती
तू भी कहीं रास्तों में खो जाएगा

© सरिता अग्रवाल