...

3 views

लट उलझी सुलझा जा कन्हिया.....
लट उलझी सुलझा जा कन्हिया मेरी ,,लट उलझी सुलझा जा ,,
मेरी राधिका गोरी गोरी,,ब्रजभान की है वो किशोरी ,,,
लट उलझी सुलझा जा कन्हिया मेरी ,,, लट उलझी सुलझा जा,,
मेरी राधा के नैना कारे बाट निहारें द्वार पर ठाड़े,,,,
लट उलझी सुलझा जा कन्हिया मेरी ,,लट उलझी सुलझा जा ,,
मेरी राधा की बईया गोरी चूड़ी पहना जा हरी कचोरी ,,,
लट उलझी सुलझा जा कन्हिया मेरी ,,लट उलझी सुलझा जा ,,
कोमल कोमल पैर राधा के यमुना के तट पर दौड़ी भागे,,,
बंसी मधुर सुना जा कन्हिया ,, लट उलझी सुलझा जा ।।।
बंसी सुन कर साखियां आए रास रचाने को तुम्हे मनाएं,,,
सब का मन बहला जा कन्हिया,,दर्शन अब तो दिखा जा ।।।
चित में बसी है जो सूरत तेरी उससे मुझे मिला जा ,,
कन्हिया मेरी लट उलझी सुलझा जा ।।।

© vandana singh