स्त्री तुम आज़ाद हो !
लांघो तुम चौखट,
किवाड़ों से निकलो
जो बंद हो दरवाज़ा
तो तोड़ डालो तुम ;
सामने आए, इन
दीवारों से निकलो
मन के सीमाओं से
जंजालों से...
किवाड़ों से निकलो
जो बंद हो दरवाज़ा
तो तोड़ डालो तुम ;
सामने आए, इन
दीवारों से निकलो
मन के सीमाओं से
जंजालों से...