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अकेले ही चलना पड़ता है..
इक वक्त तक ही होता है साथ यहां सबका
फिर अकेले ही चलना पड़ता है।
खुशी हो या गम
अपने आप से ही बांटना पड़ता है।
यूं तो बहुत से होंगे सगे तुम्हारे
मगर हर रिश्ते को वक्त के साथ बदल जाना पड़ता है।
इक वक्त तक ही होता है साथ यहां सबका
फिर अकेले ही चलना पड़ता है।
© prashu
फिर अकेले ही चलना पड़ता है।
खुशी हो या गम
अपने आप से ही बांटना पड़ता है।
यूं तो बहुत से होंगे सगे तुम्हारे
मगर हर रिश्ते को वक्त के साथ बदल जाना पड़ता है।
इक वक्त तक ही होता है साथ यहां सबका
फिर अकेले ही चलना पड़ता है।
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