मेरी गुरु मेरी मां
माँ मैंने जीवन का पहला अक्षर
तेरे हाथों से लिखना सीखा
माँ मैंने जीवन का पहला खाना तेरे हाथों से खाना सीखा
जीवन के वो पहले कपड़े
मैंने तेरे हाथों से पहने
जब खाई कभी चोट मैने
तेरी चीख ही सबसे पहले निकली
ना जाने कौन सी हवा जाकर तुझे मेरी खबर दे देती
जब भी मैं ग़म में रहता
तुझे मेरी फ़िकर सताती
माँ मैने तेरे ही...