9 views
"सफ़र आख़िरी"
"हम सभी इंसानों में, एक ख़ास अंग होता है,
दिल ही वजह है दर्द की, दवा भी यही होता है,
प्रेम, क्रोध, ईर्ष्या, सब दिल में ही तो होता है,
बिछड़ने पर प्रियतम के, ये दिल फिर रोता है,
कहते हैं यह मृत्यु ही, सच आख़िरी होता है!
अपनाते नहीं सच क्यूँ, जब मरना ही होता है?
रोक लेता है आँसू, कोई जार-जार रोता है!
रह गया जो पिछे, उसका हाल क्या होता है!
होता क्या होगा जब, सफ़र आख़िरी होता है?
चले जाते हैं कहाँ, ये सफ़र कहाँ का होता है?"
ASHOK HARENDRA
© into.the.imagination
दिल ही वजह है दर्द की, दवा भी यही होता है,
प्रेम, क्रोध, ईर्ष्या, सब दिल में ही तो होता है,
बिछड़ने पर प्रियतम के, ये दिल फिर रोता है,
कहते हैं यह मृत्यु ही, सच आख़िरी होता है!
अपनाते नहीं सच क्यूँ, जब मरना ही होता है?
रोक लेता है आँसू, कोई जार-जार रोता है!
रह गया जो पिछे, उसका हाल क्या होता है!
होता क्या होगा जब, सफ़र आख़िरी होता है?
चले जाते हैं कहाँ, ये सफ़र कहाँ का होता है?"
ASHOK HARENDRA
© into.the.imagination
Related Stories
17 Likes
6
Comments
17 Likes
6
Comments