दर्द अपना सा लगता है
एक सुकून भरी जीवन के तलाश में
सुबह से शाम तक
भागदौड जारी है यहाँ,
बडे बडे मकान खरीद लिये
लम्बी गाड़ीयाँ भी लेलि,
मगर घर का ये सुनापन जैसे
काटने को दौडता और
लम्बी गाड़ी में भी जैसे दम है घुटता,
पैसों की कमी थी पहले
मगर...
सुबह से शाम तक
भागदौड जारी है यहाँ,
बडे बडे मकान खरीद लिये
लम्बी गाड़ीयाँ भी लेलि,
मगर घर का ये सुनापन जैसे
काटने को दौडता और
लम्बी गाड़ी में भी जैसे दम है घुटता,
पैसों की कमी थी पहले
मगर...