धड़कन शिव है तो ये दिल कृष्णमयी :
मेरे भोलेनाथ जिसने सबको अमृत देकर खुद विष पीलिया,
मेरे श्री कृष्ण जो अविनाशी होकर भी एक बहेलिया के बाड़ से खुद की देह को त्याग दिया,
शिव शक्ति के विरह हो या राम सीता के विरह की बात हो,
ना जाने कितने ही त्याग और बलिदान हो
कठिन इम्तिहान में आपका हाथ ना छोड़ने की आस है
बस...
मेरे श्री कृष्ण जो अविनाशी होकर भी एक बहेलिया के बाड़ से खुद की देह को त्याग दिया,
शिव शक्ति के विरह हो या राम सीता के विरह की बात हो,
ना जाने कितने ही त्याग और बलिदान हो
कठिन इम्तिहान में आपका हाथ ना छोड़ने की आस है
बस...