चाहत रूह तक
बिन कहे समझ जाती हो तुम
एहसासों को मेरे
आकार दे देती हो तुम
अल्फ़ाज़ों को...
एहसासों को मेरे
आकार दे देती हो तुम
अल्फ़ाज़ों को...