...

41 views

इस प्यार को क्या नाम दूँ .....?
कभी वो हंस कर बात करती
और मुझे रूलाया करती थी ,
कभी रूठ जाया करती,
कभी मुझको मनाया करती ,
एक - दूसरे को यू ही खट्टी -मिठ्ठी बातों से,.
शरारत करती थीं, कभी हम किया करते ।
कभी मै पत्थर बन जाता तो वो,
मोम कि तरह पिघल जाया करती,
कभी मै पिघल जाता तो वो ,
पत्थर बन जाया करती ,जो भी हो अभी भी
हम अंजान है इन हालातों से ।।।

᯽कुछ रिश्ते भी अजीब होते है , जिसे पहचानना मुश्किल हो जाता है ।
एक दिन वो वजूद भी खत्म हो जाता है ।
सोचते- सोचते ।
लेकिन ये कहानी अधूरा ही रह जाता है ।