...

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तुम ऐसे हो
सती को पार्वती के रूप में पाने के लिए शिव ने इतने साल तपस्या की इतना इंतजार किया सिर्फ उनको पाने के लिए क्या कोई मेरा इसे इंतजार करेगा ? क्या कोई मुझे इतनी शिद्दत से प्यार करेगा ?
उसका हृदय वो मेरा प्राण हो
मैं उसका मान वो मेरा सम्मान हो
मैं उसकी सीता वो मेरा राम हो
मैं उसकी रैना वो मेरा अंधकार हो
मैं उसका अर्थ वो मेरा सार हो
मैं प्रपंच कोई वो मेरा जंजाल हो
मैं मोक्ष उसका वो मृत्यु अकाल हो
मैं बहती हुई नदी और वो सागर विशाल हो
© safaredard