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चाहत
हां चाहती हूं मैं उसे,,,
ये जानते हुए भी कि मैं किसी और की हूं।।
मेरी चाहत ना आज खत्म होगी ना आने वाले कल में,,,
क्योंकि ये प्यार नहीं जो खत्म हो जाए,,
ये वो एहसास हैं जो वक़्त के साथ और भी गहरा हो जाएगा ।।
मुझे पता है कि ना तुम कभी मेरे बन सकते हो और ना मैं कभी तुम्हारी,,,
बस ये जो चाहत का रिश्ता हैं ना हमारा,,
वो ताउम्र यूँही बरकरार रहे।।।
ये जानते हुए भी कि मैं किसी और की हूं।।
मेरी चाहत ना आज खत्म होगी ना आने वाले कल में,,,
क्योंकि ये प्यार नहीं जो खत्म हो जाए,,
ये वो एहसास हैं जो वक़्त के साथ और भी गहरा हो जाएगा ।।
मुझे पता है कि ना तुम कभी मेरे बन सकते हो और ना मैं कभी तुम्हारी,,,
बस ये जो चाहत का रिश्ता हैं ना हमारा,,
वो ताउम्र यूँही बरकरार रहे।।।
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