प्रेम एक भाव
इश्क़ का नामं
हर शक हर लेता
अपने आप को प्रेम के नाम कर देता
हर बेनाम अपना कर लेता
यही जग का एक हिस्सा हैं
जो विश्वास लगाता रह्ता
जाने अनजाने में साथ लिये चला जाता
फिर भी कमजोर यही दोषी...
हर शक हर लेता
अपने आप को प्रेम के नाम कर देता
हर बेनाम अपना कर लेता
यही जग का एक हिस्सा हैं
जो विश्वास लगाता रह्ता
जाने अनजाने में साथ लिये चला जाता
फिर भी कमजोर यही दोषी...