...

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प्रेम एक भाव
इश्क़ का नामं
हर शक हर लेता
अपने आप को प्रेम के नाम कर देता
हर बेनाम अपना कर लेता
यही जग का एक हिस्सा हैं
जो विश्वास लगाता रह्ता
जाने अनजाने में साथ लिये चला जाता
फिर भी कमजोर यही दोषी सब नजरो में
बिखरने का यहीं कह्लये दर्द
जानो तो यही है साथ जो चलता रहे
कभी दूसरों में दिखे
तो अपने में खोज कर मिलता
यूहीं दिखती अब छव इश्क़ की प्यारी
कमजोर जान को भी मजबूत कर जाती
नाम से ही मन हर्ष से भर जाये
क्युंकि सब जाने
असल प्रेम अभिवक्ति
जो हर कर मन कर जाती खुशी असीम

© 🍁frame of mìnd🍁