अब हम भी नादान हो रहे हैं ☺️
बचपने को आंखो में रख कर ,
खुशियों को पिरो रहे है....
धीरे धीरे हम भी अब छोटे हो रहे है...
कागज की कश्ती को कीचड़ के पानी में भिगो रहे हैं,
धीरे धीरे हम भी छोटे हो रहे हैं...
...
खुशियों को पिरो रहे है....
धीरे धीरे हम भी अब छोटे हो रहे है...
कागज की कश्ती को कीचड़ के पानी में भिगो रहे हैं,
धीरे धीरे हम भी छोटे हो रहे हैं...
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