...

13 views

एहसास ए इश्क..
आज फिर किसी चाहत ने,
दिल का दरवाजा खटखटाया है,,
दफ़न थी जो बात जिगर में,
वो जुबां पर आया है।।
तमन्ना ए इश्क में हम कबसे खामोश थे,
जुस्तजू ए फिजा में जब से मदहोश थे।।
बेताब दिल किस कदर हुआ जा रहा है,
खयालों में डूबा किसके,
फिकर हर दुआ में करता जा रहा है।
देखी न कभी ऐसी खुमारी मैंने,
बन मरहम मेरे जख्मों को सहला रहा है।।
क्या बात करूं क्या ना करूं?,
बड़ी उलझन सी नजर आ रही है।
कदम दर कदम,
अफवाहों की अड़चन सी खबर आ रही है।।
आइने में खुद को जब भी देखता हूं,
कुछ बदला बदला सा लगता हूं।
निगाहों में बसी बस एक,
तस्वीर लिए फिरता हूं।।
बन तूफान जुनूं ए इश्क का,
फिर से सर चढ़ आया है,,
आज फिर किसी चाहत ने,
दिल का दरवाजा खटखटाया है।।
written by (संतोष वर्मा)
आजमगढ़ वाले..खुद की ज़ुबानी