...

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सबकुछ आपके हाथ में हैं ,जैसा आप चाहें।
देखिये आप जो भी लिखतें हैं ,कहतें हैं या बोलतें हैं ,
वो सही है ,गलत है, कितना सार्थक है और उस बात को परिस्थितियों के सापेक्ष किस प्रकार रखा गया है,
इन सब बातों को जाने बिना ,इन पर विचार किये बिना ,
बहुत आदमी आपको ऐसे मिलेंगे ,
जो हर बार सिर्फ आपकी बात काटने के उद्देश्य से ही खड़े होंगे ,
उनका व्यक्तित्व बहुत ,खैर काहे का व्यक्तित्व ,ऐसे defective peace आजकल मार्केट में बहुतायत मात्रा में trend कर रहें हैं,
इनकी प्रतिक्रिया को लेकर मेरे प्रिय साथियो आपको अपना mood बिगाड़ने ya उन पर तनिक भी विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आप हर किसी से अपनी तुलना मत किया करिए ,आप अलग हैं, जाहिर ही बात है, आपका नजरिया भी सबसे match करे, इसकी कोई गारन्टी नहीं है ,
आप नए हैं, नया सोंचेगे ,
इस पर अगला व्यक्ति आपसे सहमत नहीं है तो कोई बात नहीं ,
बस आपको अपने ध्येय के प्रति सजग और सतत रहना बस जरूरी है ,अन्यत्र बातों पर सर ख़फाने से कुछ मिलेगा ।

और हाँ साथियो एक बात और,
मेरी या किसी और की किसी भी बात के एक से अधिक मतलब निकल सकतें हैं , क्योंकि बातें आत्मनिर्भर नहीं है ,इनको अपना अर्थ व्यक्त करने के लिए किसी परिस्थिति ,प्रसंग या उदाहरण के सहारा लेना पड़ता है ,
इसलिए निवेदन करता हूँ कि मेरी नहीं ,बल्कि अन्य सभी की बातों का सकारात्मक पक्ष देखना चाहिए ,
बाकी मसले एक नहीं तमाम हैं।
© @मृदुलकुमार