मन अंधकार
संग चल ले उम्मीद हमदम,
मंज़िलों की ओर बढ़ते कदम।
हौसलों का रख बस छाता,
कर परित्याग फिजूल की चिंता।
"निराश" से रह कोसों दूर,
चख सफ़लता का फल हुजूर।
तू चलेगा,तो मिलेंगे...
मंज़िलों की ओर बढ़ते कदम।
हौसलों का रख बस छाता,
कर परित्याग फिजूल की चिंता।
"निराश" से रह कोसों दूर,
चख सफ़लता का फल हुजूर।
तू चलेगा,तो मिलेंगे...