एक महिला प्रोफेसर की ज़िंदगी की व्यथा
वैसे तो तू प्रोफेसर है, ज़िन्दगी के सफ़र में अभी फ्रेशर है।
ये सब वक्त की आंख मिचौली है,जो तू मूर्खो को यू झेली है।
वादा कर तू खुद से खुद का,वादे की तू पक्की है।
सब्र रख इंतिहा का, जीत तेरी पक्की है।
सबका है तू आत्मविश्वास, पर तेरा...
ये सब वक्त की आंख मिचौली है,जो तू मूर्खो को यू झेली है।
वादा कर तू खुद से खुद का,वादे की तू पक्की है।
सब्र रख इंतिहा का, जीत तेरी पक्की है।
सबका है तू आत्मविश्वास, पर तेरा...