...

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थम
जो वो था उसे वही रहने-दिया
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
मैं पागल किस्म का खुद को खोने दिया;
भला वो जाने मेरी खामोशी की मासूमियत;
छुपा के काफिरों को कैफ रहने दिया;
और तगदीरो का क्या है वो अपना था ही कब;
जो जस्बातो मे आ कर भी चुप को चुप ही रहने दिया।
संगम सा तर्क संदल से हम बेजुबान सासो को हिफाजत से रहने दिया।
जो वो था उसे वही रहने-दिया
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;


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