बूढ़े शादी कर रहे
हम उस दौर में जी रहे
जहां बूढ़े शादी कर रहे
और जवान प्रयोग कर रहे।
कई लिव - इन अपना रहे
कई नाम फ्रेंडशिप दे रहे
ढूंढ रहे हैं साथी ऐसा जहां
जिम्मेदारी का नाम ना रहे।
गर बात आगे बढ़ भी गई
कई हवा में प्रपोज कर रहे
हवा पल में रूख बदलती है
ऐसे ही प्रपोजल हवा हवाई हुए।।
गर बात हल्दी रस्म पहुंची
हल्दी उबटन में नहा रहे
उबटन की गर्मी में ही
कई प्रपोजल खाक हुए।।
कई देहरी पहुंच गये
साथ रिश्तेदार ना गये
बिना जड़ों को गहराई के
रिश्ते जल्दी उखड़ गये ।।
हनीमून की ललक में
देवी पूजन भूल गये
बिन बेटी के तोरण के
घर अब पवित्र ना रहे।।
बिना संस्कारों के ये प्रपंच देख
बूढ़े- बूढ़ी के मन भी डोल गये
अपने लिए वो भी अब
बुढ़ापे का आलम सुनाने को
खुद जैसा ही कोई
पुराना बरगद ढूंढ रहे।।
हम उस दौर में जी रहे
जहां बूढ़े शादी कर रहे
और जवान प्रयोग कर रहे।
© Mohan sardarshahari
जहां बूढ़े शादी कर रहे
और जवान प्रयोग कर रहे।
कई लिव - इन अपना रहे
कई नाम फ्रेंडशिप दे रहे
ढूंढ रहे हैं साथी ऐसा जहां
जिम्मेदारी का नाम ना रहे।
गर बात आगे बढ़ भी गई
कई हवा में प्रपोज कर रहे
हवा पल में रूख बदलती है
ऐसे ही प्रपोजल हवा हवाई हुए।।
गर बात हल्दी रस्म पहुंची
हल्दी उबटन में नहा रहे
उबटन की गर्मी में ही
कई प्रपोजल खाक हुए।।
कई देहरी पहुंच गये
साथ रिश्तेदार ना गये
बिना जड़ों को गहराई के
रिश्ते जल्दी उखड़ गये ।।
हनीमून की ललक में
देवी पूजन भूल गये
बिन बेटी के तोरण के
घर अब पवित्र ना रहे।।
बिना संस्कारों के ये प्रपंच देख
बूढ़े- बूढ़ी के मन भी डोल गये
अपने लिए वो भी अब
बुढ़ापे का आलम सुनाने को
खुद जैसा ही कोई
पुराना बरगद ढूंढ रहे।।
हम उस दौर में जी रहे
जहां बूढ़े शादी कर रहे
और जवान प्रयोग कर रहे।
© Mohan sardarshahari