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काम ख़त्म नहीं होते (नज़्म)
#ज्ञानकीफुसफुसाहट
इक काम करेंगे ये काम होने के बाद
वो भी तो इक काम बचा है
इस काम के फ़ौरन बाद
तुम अपने कामों से फ़ुरसत हो जाओ तो जल्दी आना
हम अपने कामों से फ़ुरसत हो पाएंगे तो आयेंगे
तुम आओ तो बतलाएंगे
हमको भी इक काम है तुमसे
अपने अपने काम ख़तम हो जायेंगे तो बात करेंगे
अपने कामों से फ़ुरसत हो पाएंगे तो बात करेंगे
इस दुनिया के हर बाशिंदे को
अपने ही काम बहुत हैं
जिससे पूछो बस ये कहता
काम बहुत हैं
काम बहुत हैं
कोई परेशॉं है कामों से
कोई परेशॉं काम के पीछे
इतने कामों में उलझे हैं
फिर भी हम नाकाम बहुत हैं
जब इतने नाकाम हैं तो फिर
काम में इतनी दिलचस्पी क्यों
दुनिया भर के काम के आगे
ज़ीस्त है फिर इतनी सस्ती क्यों
इस दुनिया में पैदा होंगे
काम करेंगे मर जायेंगे
काम से जब फ़ुरसत पाएंगे
तो न लौट के घर जायेंगे
गर ऐसा होता जायेगा तो क्या हम पैग़ाम ही देंगे
आने वाली नस्लों को भी नाम नहीं
बस काम ही देंगे
लेकिन अब हमने ये ठाना है
लौट के अपने घर जाना है
लोगों से बातें करनी है
सबसे मिलकर भी आना है
काम फ़राइज़ मे अंतर है
ये भी सबको समझाना है
जो आज हमारे साथ खड़े हैं
वो हर वक़्त नहीं होते
काम मुकम्मल तो होते हैं
लेकिन ख़त्म नहीं होते!

शाबान नाज़िर -
© SN