गुजारिश
गजल
हे गुजारीश आप से,
मुज़ सायर की कज़ा(मोत) पर मातम ना मनाया जाए ।
तोड़ के पुराने निजाम(चलन) को
कोई नया रिवाज़ चलन मे लाया जाए।
मय खानो(शराब खाना) को सजाया जाए
साकी(सराब परोसने वाली) को बुलाया जाए,
मेरी तमाम...
हे गुजारीश आप से,
मुज़ सायर की कज़ा(मोत) पर मातम ना मनाया जाए ।
तोड़ के पुराने निजाम(चलन) को
कोई नया रिवाज़ चलन मे लाया जाए।
मय खानो(शराब खाना) को सजाया जाए
साकी(सराब परोसने वाली) को बुलाया जाए,
मेरी तमाम...