अनचाहा सफर
ना कोई मंजिल है
ना कोई ठिकाना
बिना थके बिना रुके
एक अनचाहे सफर तक जाना
हो ख़ुश हो मायूस
हो बादल हो धूप
हर हाल मे पग है आगे बढ़ाना
एक अनचाहे सफर तक जाना
ना कुछ खोने का गम
ना ही कुछ पाने की खुशी
ना ही किसी से कुछ चाहना
एक अनचाहे सफर तक जाना
दुनिया की दारी...
ना कोई ठिकाना
बिना थके बिना रुके
एक अनचाहे सफर तक जाना
हो ख़ुश हो मायूस
हो बादल हो धूप
हर हाल मे पग है आगे बढ़ाना
एक अनचाहे सफर तक जाना
ना कुछ खोने का गम
ना ही कुछ पाने की खुशी
ना ही किसी से कुछ चाहना
एक अनचाहे सफर तक जाना
दुनिया की दारी...