...

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मैं और मेरी तन्हाई
कोई कैसे रह पाएगा
साथ मेरे
मैं तो हर वक्त अपनी ज़िंदगी की उलझोनों में उलझी रहती हूं
अपनी परेशानियों से जूझती रहती हूं
कभी एक पल भी प्यार से बात करूं
इतनी सी भी फुर्सत नहीं मिल पाता मुझे
इन सबसे,,
ऐसे में कोई कैसे मेरे साथ रह पाएगा
इसीलिए मैं किसी को भी अपने करीब आने नहीं देती ,,
तन्हा सी मैं खुदको सबसे अलग कर लिया
दुनिया की भीड़ से अकेला कर लिया
अब बस मैं और मेरी तन्हाई साथ रहती हूं