मुक्ति
इंसान की इंसानियत ही "
काम आती हैं सदा,
मिट्टी रह जाती है यहाँ "
प्राण हो जाते हैं जुदा,,,,!!
चार लोगों की परवाह "
हर इंसान करता है सदा,,,,!!
अंत मे वही चार लोग "
कर जाते हैं खुद से जुदा,,,,!!
कर्मो का सार ही यहाँ से "
इंसान के साथ जाता हैं सदा,
मोह माया का यह जंजाल "
हमेशा के लिए हो जाता हैं जुदा,,,,!!
जिस इंसान के दिल मे "
ईश्वर का वास रहता है सदा,
जीवन मरण के इस चक्र से फिर "
वो इंसान हो जाता हैं जुदा,,,,!!
© Himanshu Singh
काम आती हैं सदा,
मिट्टी रह जाती है यहाँ "
प्राण हो जाते हैं जुदा,,,,!!
चार लोगों की परवाह "
हर इंसान करता है सदा,,,,!!
अंत मे वही चार लोग "
कर जाते हैं खुद से जुदा,,,,!!
कर्मो का सार ही यहाँ से "
इंसान के साथ जाता हैं सदा,
मोह माया का यह जंजाल "
हमेशा के लिए हो जाता हैं जुदा,,,,!!
जिस इंसान के दिल मे "
ईश्वर का वास रहता है सदा,
जीवन मरण के इस चक्र से फिर "
वो इंसान हो जाता हैं जुदा,,,,!!
© Himanshu Singh