पानी की बूंदे है तारे जैसे
एक दिन बैठा अपने ही घर में
हो गई रे बारिश
मैं चुप बैठकर उसको देखता रहा
...
हो गई रे बारिश
मैं चुप बैठकर उसको देखता रहा
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