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स्वयं की याचना
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
मधुर धुन में मगन ये मेरा मन
ऋषियों जैसी तपस्या की सनक किंतु परंतु पर विराम चिन्ह लगाने की ललक समर्पण पर कर उत्कर्ष की उमंग न्यूनतम पर अधिक्तम की झलक इच्छा है तो केवल सिर्फ एक की सहजता का भाव मेरे आचरन में रहे या मुझे हो केवल प्रकृति की बनी हर चीज का स्मरण
© chanchalta.ki.kalam
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
मधुर धुन में मगन ये मेरा मन
ऋषियों जैसी तपस्या की सनक किंतु परंतु पर विराम चिन्ह लगाने की ललक समर्पण पर कर उत्कर्ष की उमंग न्यूनतम पर अधिक्तम की झलक इच्छा है तो केवल सिर्फ एक की सहजता का भाव मेरे आचरन में रहे या मुझे हो केवल प्रकृति की बनी हर चीज का स्मरण
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