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चलो कुछ पल साथ बिताते हैं।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
बैठकर कुछ बीते अच्छे लम्हों की बात करेंगे।
एक टेबल पर दिन का खाना हम साथ करेंगे
कुछ देर टहल लेंगे, कदम से कदम मिलाकर।
जो रहे याद हमेशा, हम ऐसी मुलाकात करेंगे।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
नदी या झील किनारे एक दूजे को निहारते हुए।
उस एक- एक पल को मुस्कुराकर गुजारते हुए।
बस दिल की बात हो, इसके सिवा कुछ भी नहीं।
एक दूजे से बात करें, एक दूजे को पुकारते हुए।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
हल्की हवाओं के बीच, हम दोनों गुनगुनाते हुए।
अपने दिल की हर बात, एक दूजे को बताते हुए।
गुनगुनी धूप में साथ बैठकर, ढेर सारी बात करें।
आमने- सामने दोनों, नजरों से नजरें मिलाते हुए।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
बैठकर कुछ बीते अच्छे लम्हों की बात करेंगे।
एक टेबल पर दिन का खाना हम साथ करेंगे
कुछ देर टहल लेंगे, कदम से कदम मिलाकर।
जो रहे याद हमेशा, हम ऐसी मुलाकात करेंगे।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
नदी या झील किनारे एक दूजे को निहारते हुए।
उस एक- एक पल को मुस्कुराकर गुजारते हुए।
बस दिल की बात हो, इसके सिवा कुछ भी नहीं।
एक दूजे से बात करें, एक दूजे को पुकारते हुए।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
हल्की हवाओं के बीच, हम दोनों गुनगुनाते हुए।
अपने दिल की हर बात, एक दूजे को बताते हुए।
गुनगुनी धूप में साथ बैठकर, ढेर सारी बात करें।
आमने- सामने दोनों, नजरों से नजरें मिलाते हुए।
चलो कभी वक़्त निकालकर कुछ पल साथ बिताते हैं।
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