कूछ अनकही सी ख्वाईसें..…..
कभी खुद को सजना खुद को खुद के लिए तेयार करना मुझे बहुत अच्छा लगता है,
बारिश की बूंदों में भीग कर उसमें खो जाना,
कभी कभी खुद को देर तक नीहारना,
खुद कि घूगंर की आवाज से पेरो की ताल मीलाना,
हाथों में मेहंदी की लकीरें खींचना,
कभी जीन्स टी-शर्ट तो कभी सारी या फिर साल्वार कमीज में सीमट जाना,
कभी...
बारिश की बूंदों में भीग कर उसमें खो जाना,
कभी कभी खुद को देर तक नीहारना,
खुद कि घूगंर की आवाज से पेरो की ताल मीलाना,
हाथों में मेहंदी की लकीरें खींचना,
कभी जीन्स टी-शर्ट तो कभी सारी या फिर साल्वार कमीज में सीमट जाना,
कभी...