...

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बचपन की यादें!!
होता था वह समय, जब मासूमियत से अनजान थी!
जब सबको भाती , भोली - भाली और प्यारी!
हर लम्हा खुशनुमा होता था अपनी ख्वाइश से!
था वह समय , जब बातो की परवाह न होती, न शब्दों की!!

जब न बोलें ही अनजान मुस्कराहट मिल जाती थी!
न जाने कब-कैसे ये लम्हे यादों में बदल गऐ!
पर समय बेहता रहा, लेकिन कई दर्द , कई वजहें और कई पहेली दे गया!!!🦋