...

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वो दिल की गुलाम है
चिलचिलाती धूप मे वो खुबसूरत सी शाम है
स्वार्थी जहाँ मे निस्वार्थ प्रेम की वो पैगाम है
जो प्रेम मे ही लिपटी है वो सबकी जान है
हाँ वो नादान दिमाग की नही दिल की गुलाम है

है हर मर्ज की दवा वो खुशियो का आलाम है
गमभी रूखसत हो जाते जहाँ पड़ते उसके पावं है
है वो मेरे दिलकी धड़कन मोहब्बत उसका नाम है
हाँ वो नादान दिमाग की नही दिल की गुलाम है

© Garima Roshan