...

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मुझे उस हीर की रांझा बनना है
ना शेर ना शायरी ना ग़ज़ल बनना है
मुझे तो आँखों का काजल बनना है
जो लिपट जाए आकर तेरी रूह से
मुझे वो हयात का आँचल बनना है

ना मिट्टी ना आग ना पानी बनना है
मुझे तेरे किताब की कहानी बनना है
जो सिर्फ ख्वाबों में आकर मिलती हो
मुझे ऐसा कोरा जवानी बनना है

ना सुबह...