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जीवन
जब जीवन के पथ में आने वाले कई चुनौतियों  में हम असफल हो जाते है तो,
हमारे आस पास दुख के जैसे बादल चाह जाते है।
वो बादल जो दृद कि अवाज़ में गड़-गड़ा थे है
और आँसुओं का भरीष बरसाते है।
वो काले बादल जो आशा की हर किरण हम पर आने से रोक देते है ।
वो काले बादल जो हमारी हर उम्मीद को तोड़ देते है ।
तब लगता है कि जब सारा परिश्रम वयृथ ही जाता है,
तौ परिश्रम करने का कोई अर्थ ही नहीं होता है ।
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मेरे मित्र तब न रऊटना अपने जीवन से
और न रऊटने देना जीवन को तुमसे ।
उन दुवीधा पुरण बादलों को अपने परिश्रम के शीतल पवन से दुर करो
ज़ीनदगी की रौनक़ आशाऔ की किरणो से वापस लाओ
और परिश्रम से अपना लक्षय पाऔ ।
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