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इस दुनियां को हम स्वर बेठे
तुम्हारे इंतजार में
हम उम्मीद हार बेठे
तुम्हारे दीदार में
तुम्हें निहार बेठे
इस दुनिया को गायब करके
हम तुम्हारा इंतजार करते रहे
नदी की धारा बहते रहे
हम तुम्हारे इंतजार करते रहे
उम्मीद करते रहे
तुम्हारे इंतजार में
माना तुम्हारे पास समय नहीं
पर क्या हम सही नहीं
दिन निकलते जा रहे हैं
तुम्हारे इंतजार में
हम पागल होते जा रहे हैं
तुम्हारी याद में

© yati