...

11 views

बहती यादें
किस्तों में ये यादें क्यों?
बहता क्यों नहीं ये पानी सा

किसी पेड़ सी जड़ सा क्यों?
किसी पहाड़ सा अडिग क्यूं है?

गहरे कर देती है घाव मेरे..
लौटती ये घड़ी के काटो सी

केसे तोड़ू जंजीरें इसकी
समझ नही आती है

छुपाऊ कैसे घाव...