...

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हूँ पथिक
हूँ पथिक मैं उन राहो का
जिन पर कंकड़ हैं बिछे हुए
पार करूँगा उसको भी मैं
अपनी उम्मीदों को साथ लिए हुए
कोई भी आये फिर इन राहो में
उन सबको मैं तोड़ दूंगा
मेहनत कर अपनी मंजिल को
अपनी ओर मोड़ लूंगा
हो कष्ट कितना भी इन राहो में
इन राहों को मैं नही छोडूंगा
है साहस मुझमे इतना कि
मैं अपनी मंजिल को प्राप्त कर लूंगा
© Bhanu