वो शख़्स बहुत बदल रहा है
वो शख़्स बहुत बदल रहा है
ख़ुद में ख़ुद ही ढल रहा है
इश्क़ जो किया था उसने कभी
उस आग में धीमे धीमे जल रहा है
मोहब्बत, बेकली बेरुख़ी का सबब
अन्दर ही...
ख़ुद में ख़ुद ही ढल रहा है
इश्क़ जो किया था उसने कभी
उस आग में धीमे धीमे जल रहा है
मोहब्बत, बेकली बेरुख़ी का सबब
अन्दर ही...