...

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सुकून
मैं हारता नहीं हूं ये खास है मुझमें
कहीं ना कहीं तू पास है मुझमें।
सुकून मिलता है महज तुझे देखने भर से
तेरे बदन की खुशबू का अहसास है मुझमें।।

थका देती है जिंदगी जब सब बुरा होता है
जब हर अपने की हाथ में छुरा होता है।
होश दिया है तुमने मुझे और हिम्मत भी
इन सब को पहचानने का आभास है मुझमें ।।

लब ठहर जाते हैं दिल बोल उठता है
हमसे जब किसी अपने का हाथ छूटता है।
टूट तो सकता था पर संभाला तुमने
इन सबसे लड़ने का प्रयास है मुझमें ।।


© SUCIDE NOT ALLOWED BY RAHUL BABBAR