...

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तेरा चेहरा
#थामतेरहना
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मेरे हाथों में तेरा चेहरा था।
मगर उसमें वो कशिश न थी।
जो हुआ करती है प्रेमियों की चाहत में।
मैं ढूंढता रहा तुझको।
और तू बैचैन थी ।
किसी और की चाहत को।
सिर्फ जिस्म था पास मेरे।
तेरी रूह थी क़ैद किसी और की यादों में।
मैं थामता तो कैसे थामता।
हवा थी बेचारी किसी और के नक्शे - पा - जस में