...

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तेरे इश्क़ की रूहानियत….
हर शाम की हसीन रूहानियत के,
जैसी तू दिखती है मुझे…
जिसका तालुक आकाश से,
लेकर चाँद सितारों तक है…

हर सुबह की पहली किरण,
मुझे ऐसे महसूस होती है…
जिसके आने से मेरी ज़िंदगी के,
हर दिन की शुरूआत होती है…

एक दफ़ा तो मैं तेरे लिये,
ख़ुदा से भी लड़ाई कर सकता हूँ…
मगर ! तुझको चाहने को मैं,
मर कर भी नहीं रोक सकता हूँ…

बेशक़ मुझको तहज़ीब नहीं है,
यह प्यार,इश्क़,मोहब्बत की…
तेरे लिये इनको भी अपने दिल में,
आसानी से भर सकता हूँ…

जैसे कभी भी सूख सकता है,
पूरे के पूरे समंदर का पानी ख़ुद बा ख़ुद…
मेरी चाहत है “जिंद” कि!
मैं आख़िरी साँसों तक तुझको ज़िंदा रख सकूँ….

मुझको कभी आराम नहीं करना है,
तुझको पा कर एह हसीन ख्वाब…
तेरी मेरी एक मूर्ति हो आमने-सामने,
और मैं मर कर भी तुझे नज़रों में रख सकूँ….



#जलते_अक्षर


© ਜਲਦੇ_ਅੱਖਰ✍🏻