साल।
साल ओ साल, दिन ब दिन,लम्हा दर लम्हा,
ज़िंदगी यूं हीं कैसे बीत जाती हैं?
मैं तो हर पल तुझे ही याद करता हूं,
तू यह बता, तुझे मेरी याद आख़िर क्यों नहीं आती हैं?
कितने खत, कितनी बातें, कितने सवाल है मन में,
तेरी जवाब ए...
ज़िंदगी यूं हीं कैसे बीत जाती हैं?
मैं तो हर पल तुझे ही याद करता हूं,
तू यह बता, तुझे मेरी याद आख़िर क्यों नहीं आती हैं?
कितने खत, कितनी बातें, कितने सवाल है मन में,
तेरी जवाब ए...