...

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बाग-बाग में बहार: कुदरत एक उपहार

चलते-चलते आज मेरा, मन कुछ यूं हर्षाया,
हर ओर हरियाली और रंगो ने खूब लुभाया।

बहारो का मौसम, खिली-खिली हर डाली,
झूला झूले पंखुड़ियां, झुलाए हवा मतवाली।

जहां-जहां जाए नजर, दिखे कुदरत का हुनर,
हर सांस-सांस में...