...

11 views

एक आवाज़
कईं लहरों का कारवां यूं बनता चला गया ।
जैसे तबियत से पत्थर फैंका हो समंदर में ।।

पहले बस गुमनामियाँ ही गुमनामियां थीं ।
अब नज़ारे ही नज़ारे हैं इस...