कुछ कह भी दो
तुमको देखूं या न देखूं, बस एक बार कुछ कह भी दो
मेरी आंखो में हो ही तुम, अपने की हामी भर भी दो
डरता हु कहने को तुमसे, पर हर पल ख्वाब तुम्हारे हैं
क्या तुम कुछ भी समझ रही, मेरे दिल के जो इसारे हैं
या तो खुद में ही कर लो तुम, या इन्हे किनारा कर भी दो
तुमको देखूं या न...
मेरी आंखो में हो ही तुम, अपने की हामी भर भी दो
डरता हु कहने को तुमसे, पर हर पल ख्वाब तुम्हारे हैं
क्या तुम कुछ भी समझ रही, मेरे दिल के जो इसारे हैं
या तो खुद में ही कर लो तुम, या इन्हे किनारा कर भी दो
तुमको देखूं या न...