...

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कुछ कह भी दो
तुमको देखूं या न देखूं, बस एक बार कुछ कह भी दो
मेरी आंखो में हो ही तुम, अपने की हामी भर भी दो



डरता हु कहने को तुमसे, पर हर पल ख्वाब तुम्हारे हैं
क्या तुम कुछ भी समझ रही, मेरे दिल के जो इसारे हैं
या तो खुद में ही कर लो तुम, या इन्हे किनारा कर भी दो
तुमको देखूं या न देखूं, बस एक बार कुछ कह भी दो।



सोते जगते बस तुम ही हो, दिल अब मचल रह तुम पर
ना जाने किस उलझन में है, बस हर पल पिघल रहा तुम पर
मेरे दिल की इस उलझन का , कुछ तो सुलझारा कर भी दोl
तुमको देखूं या न देखूं, बस एक बार कुछ कह भी दो



मुझसे तो नाता तोड़ चुके, करते तुमसे बस प्यार है अब
चैन सुकुन सब लुटने को, खुद से ही तैयार है अब
इन्हे लूटने का तुम भी, कुछ एक इशारा कर भी दो
तुमको देखूं या न देखूं, बस एक बार कुछ कह भी दो।

© Anjaan