...

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सतरंगी ख़्वाहिशें
यूँ ही तो नहीं करता ये दिल मेरा अतरंगी फरमाइशें,
एक नज़र तेरी दिल ले गई जगा कर सतरंगी ख्वाहिशें !!

चाहूँ पलकों पर फ़क़त एक ख़्वाब तेरा, साथ हर क़दम पर,
शाम-ओ-सहर तेरी यादों में, नादाँ दिल की बे-ढंगी गुज़ारिशें !!

इस दिल की ज़मीं पर आसमाँ तेरी चाहत का हो सिर्फ,
बेवजह की न कर मेरी, तू मेरे साथी-संगी, आजमाइशें !!

एक तू ही लगता अपना ये दुनिया तो सारी बेगानी सनम,
न लगा अब इस क़दर तो मेरी ख्वाहिशों है पर तू बंदिशें !!

यूँ निखरा निखरा ये रुप रंग, ग़ज़ब हाय तौबा असर तेरा,
हर रंग जचने लगा, जबसे सजाई तेरी संतरंगी ख्वाहिशें !!
© Mayuri Shah