मुझमें रावण, मुझमें राम l
Image credit : Created by Bing-AI based on my prompts.
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में मनुष्य एक साधारण l
है मेरे भीतर रावण के दस मस्तक l
मन, बुद्धि, और चित्त है मेरी विद्वानता;
जिससे प्रगट होता मेरा अहंकार l
काम-क्रोध करते मुझे मोहित l
और करते मद-मात्सर्य भी अति-लोभीत l
पर ज़ब-ज़ब करता हुँ मनन-चिंतन -
होके ध्यान में लीन l
और होके भक्ति व ईश्वर-उपासना में मग्न l
तब-तब होता आभास मेरे...
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में मनुष्य एक साधारण l
है मेरे भीतर रावण के दस मस्तक l
मन, बुद्धि, और चित्त है मेरी विद्वानता;
जिससे प्रगट होता मेरा अहंकार l
काम-क्रोध करते मुझे मोहित l
और करते मद-मात्सर्य भी अति-लोभीत l
पर ज़ब-ज़ब करता हुँ मनन-चिंतन -
होके ध्यान में लीन l
और होके भक्ति व ईश्वर-उपासना में मग्न l
तब-तब होता आभास मेरे...